PM Vishwakarma Yojana 2025: पीएम विश्वकर्मा योजना 15000 रुपए के लिए फॉर्म भरना शुरू

By Deepankar

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PM Vishwakarma Yojana 2025

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025: पारंपरिक कारीगरों के लिए आत्मनिर्भरता की नई राह

PM Vishwakarma Yojana 2025 | भारत सरकार ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की है। 17 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा इस योजना की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कौशल रखने वाले लोगों को आधुनिक संसाधनों, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से जोड़ना है।

2025 में यह योजना और अधिक मजबूत व व्यावसायिक रूप से लाभकारी बना दी गई है। आइए जानते हैं इस योजना से जुड़ी पूरी जानकारी।


योजना का उद्देश्य

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों जैसे लोहार, दर्जी, बढ़ई, राजमिस्त्री, सुनार, कुम्हार, नाई, धोबी, मोची, मछुआरे, हथकरघा बुनकर आदि को उनके पारंपरिक व्यवसाय में सहायता देकर आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार इन्हें फाइनेंशियल सपोर्ट, टूल किट, प्रशिक्षण, और ब्याज दर पर सब्सिडी वाले लोन के जरिए सशक्त बनाना चाहती है।


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 के नए अपडेट

  • कुल 18 पारंपरिक पेशे शामिल किए गए हैं (2025 में कुछ और पेशे जोड़े गए हैं जैसे मछुआरे और माली)
  • ₹15,000 की मुफ्त टूल किट (ई-वाउचर के रूप में)
  • ₹3 लाख तक का बिना गारंटी लोन, 5% ब्याज पर
    • ₹1 लाख – पहली किश्त
    • ₹2 लाख – दूसरी किश्त (पहली किश्त की वापसी के बाद)
  • ₹500 प्रतिदिन का भत्ता प्रशिक्षण के दौरान
  • 5-15 दिन का स्किल ट्रेनिंग प्रोग्राम
  • PM Vishwakarma प्रमाणपत्र और डिजिटल पहचान कार्ड
  • मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मदद (E-commerce प्लेटफॉर्म से जोड़ना)
  • UDYAM, GeM, PM Gati Shakti जैसी योजनाओं से लिंक

पात्रता मानदंड (Eligibility)

मानदंडविवरण
नागरिकताआवेदक भारत का नागरिक हो
पेशापारंपरिक कारीगर/शिल्पकार (18 चिन्हित ट्रेड में से कोई)
उम्रकम से कम 18 वर्ष
अन्य शर्तेंपिछले 5 वर्षों में केंद्र/राज्य सरकार की किसी समान स्वरोजगार योजना से लोन न लिया हो
परिवार में पात्रताएक परिवार से केवल एक सदस्य योजना के तहत लाभ ले सकता है
सरकारी नौकरीकेंद्र/राज्य सरकार या PSU में कोई सदस्य कार्यरत नहीं होना चाहिए

शामिल पारंपरिक व्यवसाय (2025 अपडेट के अनुसार)

  1. बढ़ई (Carpenter)
  2. लोहार (Blacksmith)
  3. राजमिस्त्री (Mason)
  4. सुनार (Goldsmith)
  5. कुम्हार (Potter)
  6. दर्जी (Tailor)
  7. नाई (Barber)
  8. धोबी (Washerman)
  9. मोची (Cobbler)
  10. माली (Gardener)
  11. टोकरी, चटाई, झाड़ू बुनकर
  12. मछुआरे (Fisherman)
  13. मूर्तिकार
  14. हस्तकरघा बुनकर
  15. खिलौना निर्माता
  16. तालाबंद बनाने वाले (Locksmith)
  17. चाकू, कैंची तेज करने वाले
  18. अन्य स्थानीय पारंपरिक कारीगर

लाभ (Scheme Benefits)

सुविधाविवरण
टूल-किट सहायता₹15,000 तक (ई-वाउचर)
स्किल ट्रेनिंग5–15 दिन, प्रमाण पत्र सहित
प्रशिक्षण भत्ता₹500 प्रति दिन
लोन₹1 लाख (1st), ₹2 लाख (2nd) @ 5% ब्याज
डिजिटल प्रमाणीकरणपहचान पत्र और सर्टिफिकेट
मार्केटिंगब्रांडिंग, डिजिटलीकरण और E-commerce प्लेटफॉर्म से लिंक

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन कैसे करें:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://pmvishwakarma.gov.in
  2. “Apply Now” बटन पर क्लिक करें
  3. मोबाइल OTP से पंजीकरण करें
  4. आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें:
    • आधार कार्ड
    • पासपोर्ट फोटो
    • बैंक खाता विवरण
    • जाति/आय प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
    • पारंपरिक पेशे का प्रमाण
  5. आवेदन जमा करें और पावती प्राप्त करें

ऑफलाइन आवेदन:

  • नजदीकी CSC (Common Service Center) पर जाएं
  • फॉर्म भरें और डॉक्यूमेंट जमा करें
  • अधिकारी दस्तावेजों की जांच करेंगे और पात्रता तय करेंगे

ज़रूरी बातें और सावधानियां

  • योजना पूरी तरह नि:शुल्क है, किसी दलाल या एजेंट से बचें
  • दस्तावेज़ सत्य और स्पष्ट स्कैन में अपलोड करें
  • योजना का लाभ लेने के लिए पारंपरिक पेशे का प्रमाण होना अनिवार्य है
  • यदि पहले किसी स्वरोजगार योजना से लोन लिया है, तो दोबारा लोन नहीं मिलेगा

योजना से जुड़े कुछ उदाहरण

  • उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में एक दर्जी ने इस योजना से प्रशिक्षण लिया और ₹1 लाख का लोन लेकर खुद का टेलरिंग शॉप शुरू किया।
  • बिहार के एक लोहार को टूल किट और डिजिटल प्रमाणीकरण मिलने से सरकारी ठेके मिलने शुरू हुए।
  • राजस्थान की एक महिला सुनार ने इस योजना से गहनों का ऑनलाइन बिजनेस शुरू किया, जिससे उसकी मासिक आय ₹25,000 तक पहुंच गई।

संपर्क जानकारी (Helpline)


प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना 2025 पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक रूप से मजबूत और तकनीकी रूप से सक्षम बनाने की दिशा में भारत सरकार की एक ऐतिहासिक पहल है। यदि आप किसी पारंपरिक हस्तशिल्प या कारीगरी से जुड़े हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं। यह आपके व्यवसाय को नया आयाम देने का सुनहरा अवसर है।

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